Tableau of Uttarakhand: उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बड़ी खबर आ रही है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड समारोह में इस वर्ष उत्तराखंड की झांकी नहीं दिखेगी। दरअसल, ऐसा केंद्र सरकार के फैसले की वजह से हुआ है, जो गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाली झांकियों के लिए तीन साल का रोस्टर तैयार करती है।

ताकि सभी राज्यों को अपनी झांकियां पेश करने का मौका मिल सके। गौरतलब है कि, उत्तराखंड की झांकी पिछले तीन वर्षों से कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) की शोभा बढ़ा रही थी। पिछले वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह परेड में उत्तराखंड की मानसखंड की झांकी को शामिल किया गया था, इसे पूरे देश में प्रथम स्थान भी मिला था। लेकिन इस बार उत्तराखंड की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला हैं।

हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से 23 से 31 जनवरी तक लाल किले में आयोजित भारत पर्व में उत्तराखंड की झांकी दिखाई जाएगी। इसके लिए विकसित उत्तराखंड की थीम पर झांकी तैयार की जा रही है। इस संबंध में उत्तराखंड के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने मीडिया को बताया है कि झांकी का मॉडल तैयार कर लिया गया है। जिसकी थीम विकसित उत्तराखंड पर आधारित रखी गई है।

बताया गया है कि, इस बार उत्तराखंड की झांकी के अग्र भाग में पारंपरिक वेशभूषा में उत्तराखंड की महिला का स्वागत करते हुए दिखाया जाएगा, इसके साथ ही पारंपरिक अनाज मंडुवा, झंगोरा, रामदाना और चौलाई की खेती और राज्य पक्षी को भी दर्शाया जाएगा। मोनाल को लाल किले पर प्रदर्शित किया जाएगा।जबकि झांकी के मध्य भाग में उत्तराखंड की पारंपरिक शैली में बने होम स्टे को दिखाकर खूबसूरती बढ़ाई जाएगी।

Uttarakhand tableau got first prize Punjab Regiment best marching  contingent kartavya path - India Hindi News - कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की  झांकी ने रचा इतिहास, मिला पहला पुरस्कार; पंजाब ...

इस होम स्टे के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली स्थानीय महिलाओं और सुदूर पहाड़ों में सौर ऊर्जा और मोबाइल टावरों को भी झांकी के मध्य भाग में प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा अंतिम भाग में ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे और भारत के पहले गांव माणा के लिए सड़क कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है।

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