संसद के सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बीते दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बतौर नेता प्रतिपक्ष अपना पहला भाषण दिया। राहुल गांधी के लोकसभा में बोलने पर खूब हंगामा हुआ और 90 मिनट से ज्यादा की स्पीच में कई पंचलाइन भी मारी गई, लेकिन उनको लेकर मचे बवाल के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने स्पीकर से शिकायत की, जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने बड़ा एक्शन लेते हुए राहुल गांधी के भाषण के कई हिस्सों को कार्रवाई से हटा दिया है।

 

दरअसल, संसद सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में 13 घंटे चर्चा हुई। सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह कार्यवाही मध्यरात्रि 12 बजे तक चली। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को 20 से ज्यादा मुद्दों पर घेरा। उन्होंने हिंदू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, NEET, बेरोजगारी, नोटबंदी, GST, MSP, हिंसा, भय, धर्म, अयोध्या, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अडाणी-अंबानी, प्रधानमंत्री और स्पीकर पर भी चर्चा की

उन्होंने 90 मिनट के भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखाकर की। भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। जहां लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला। राहुल गांधी ने बीजेपी नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया । राहुल गांधी के इस हमले का सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध किया गया और यही नहीं संसद के बाहर भी बीजेपी के सांसदों ने राहुल को जमकर खरी खोटी सुनाई। वही राहुल गांधी के भाषण के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सीट से उठे और राहुल गांधी द्वारा हिंदू समुदाय को हिंसक कहने के लिए मांफी की मांग की ।

 

 

राहुल गांधी ने देश में हिंसक घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी हिंसा को बढ़ावा देती है. उन्होंने कहा, “ये देश अहिंसा का देश है. सभी महापुरुषों ने अहिंसा की बात कही है. भगवान शिव भी अहिंसा की बात करते हैं.” इस दौरान राहुल ने सदन में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई। राहुल गांधी ने दावा किया कि यह लोग हिंदू नहीं है जिस पर सत्ता पक्ष की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों ने विरोध दर्ज कराया। अपने भाषण में आगे राहुल गांधी ने बीजेपी पर युवाओं, छात्रों, किसानों, मजदूरों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों जैसे कई वर्गों के लोगों में डर पैदा करने का आरोप भी लगाया।

 

राहुल गांधी के 90 मिनट के इस भाषण के दौरान सांसद में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, पर्यावरण मंत्री, कृषि मंत्री ने खड़े होकर विरोध किया और राहुल गांधी के सभी आरोपी को बेबुनियाद बताया। वहीं राहुल गांधी यहीं नहीं रुके और स्पीकर ओम बिरला पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब मैंने और मोदी जी ने आपसे हाथ मिलाया तो आप मेरे साथ सीधे खड़े रहे जबकि मोदी जी के साथ आपने झुक कर हाथ मिलाया।

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