केदारनाथ में बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को स्पर्श कर छत्तीसगढ़ रायपुर निवासी मयूर वाडवानी फफक-फफक कर रो पड़े। मयूर, केदारनाथ में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले हेलिकॉप्टर में सवार छह यात्रियों में से एक हैं। शनिवार को वह सकुशल अपने घर पहुंच गए। उन्होंने कहा, केदारनाथ में मेरा पुनर्जन्म हुआ है। जीवन के वो तीन मिनट मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। आज बाबा की कृपा से सकुशल घर लौट आया।
केदारनाथ में बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को स्पर्श कर छत्तीसगढ़ रायपुर निवासी मयूर वाडवानी फफक-फफक कर रो पड़े। मयूर, केदारनाथ में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले हेलिकॉप्टर में सवार छह यात्रियों में से एक हैं। शनिवार को वह सकुशल अपने घर पहुंच गए। उन्होंने कहा, केदारनाथ में मेरा पुनर्जन्म हुआ है। जीवन के वो तीन मिनट मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। आज बाबा की कृपा से सकुशल घर लौट आया हूं।
हेलिपैड से इमरजेंसी लैडिंग के बीच का लगभग तीन मिनट का समय, हेलिकॉप्टर के पायलट के साथ ही हम सभी छह यात्रियों के लिए खौफनाक मंजर था। वो तीन मिनट मैं कभी नहीं भूल सकता। जब गोल चक्कर लगाते हुए हेलिकॉप्टर वापस घाटी की तरफ बढ़ा तो लगा कि जीवन खत्म होने वाला है। मेरी आंखें बंद हो गईं थीं और धड़कनें तेज। ऐसा लगा कि कलेजा फट जाएगा। आंखें बंद होने के बाद भी परिजनों का चेहरा नजर आ रहा था।
ऐसा लग रहा था कि बस जीवन यही तक था। लेकिन जैसे ही हेलिकॉप्टर तेज झटके के साथ जमीन पर लैंड हुआ तो आंखें खुलीं। हम सभी यात्री एक-दूसरे को देखने लगे। पायलट से बात नहीं हो पाई। लेकिन उनके चेहरे के भाव से लग रहा था कि उन्होंने संकल्प लिया था कि वह सबकुछ ठीक कर देंगे। पायलट ने जिस साहस व धैर्य से उस मुश्किल वक्त को काबू कर अपने साथ हम छह जिदंगियों को बचाया, वह बाबा केदार का ही चमत्कार था। मैं जीवन के वो तीन मिनट कभी नहीं भूल पाऊंगा, केदारनाथ में मेरा पुनर्जन्म हुआ है।
जब हम यहां से निकलकर मंदिर जा रहे थे तो भी मेरा पूरा शरीर कांप रहा था और आंखों से आंसू बहे जा रहे थे। मैं बस बाबा के दर्शन को आतुर हो रहा था। गर्भगृह में जैसे ही पहुंचा बाबा के स्वयंभू शिवलिंग को देखकर फफक-फफककर रो पड़ा… मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे, पर मन से एक ही आवाज निकल रही थी, हे केदार तेरी कृपा से यह पुनर्जन्म मिला है। मंदिर के गर्भगृह में बाबा के सामने अपने परिवार को याद करते हुए जोर-जोर से रोने का मन कर रहा था।