उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य के प्रसिद्ध क्षेत्र जोशीमठ का नाम बदलने का फैसला किया है। अब इस शहर को ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा। इसे लेकर नोटिस भी सामने आया है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले इस क्षेत्र में भयानक प्राकृतिक आपदा सामने आई थी। पूरे क्षेत्र में जमीन फटने और घरों में दरार आने की घटनाएं सामने आने लगी थी।

केंद्र ने दी मंजूरी

बीते साल राज्य के चमोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर के केन्द्र सरकार को भेजा गया। अब केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

जानें जोशीमठ/ज्योतिर्मठ की खास बातें

भारत-चीन LAC से लगते चमोली ज़िले में बसा ये शहर सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसी जगह से बद्रीनाथ, माणा, फूलों की घाटी और हेमकुंड के लिए रास्ता जाता है। इसी वजह से ये धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके पास ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी है जहां हर साल गर्मियों और सर्दियों में लाखों टूरिस्ट आते हैं। लेकिन अब ये शहर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या करीब 4 लाख 55 हजार थी, जो बढ़कर अब दोगुनी हो गई है। अब जमीन धंसने की वजह से कई गांव ऐसे हैं जिनमें रह पाना बेहद मुश्किल हो गया है।

आदि गुरु शंकराचार्य ने अमर कल्पवृक्ष के नीचे की थी तपस्या

मान्यता है कि जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य ने अमर कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त की थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस जगह को ज्योतिर्मठ नाम दिया गया, जो बाद में जोशीमठ के नाम से प्रचलित हुआ। क्षेत्रवासियों ने जोशीमठ तहसील का नाम ज्योतिर्मठ करने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।

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