राज्य की होनहार बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अपनी काबिलियत के दम पर सफलता की ऊंची उड़ान भरने वाली राज्य की इन प्रतिभावान बेटियों से हम आपको आए दिन रूबरू कराते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) में 99.9 परसेंटाइल हासिल कर न सिर्फ समूचे देश में 9वीं रैंक हासिल की है बल्कि अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है।
जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के चमोली जिले की रहने वाली डाक्टर सपना नेगी की, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है। सपना की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौलहै वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।
AIIMS RESULT 2024 प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले की रहने वाली डाक्टर सपना नेगी ने एम्स दिल्ली द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है। बता दें कि वर्तमान में सपना का परिवार राजधानी देहरादून के मेहूंवाला के कैलाशपुर में रहता है। उनके पिता करन सिंह नेगी भारतीय सेना से आननरी कैप्टन पर सेवानिवृत्त हुए हैं जबकि उनकी मां सुनीता देवी एक कुशल गृहिणी हैं। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा रही सपना ने दून मेडिकल कॉलेज से हाल ही में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। इस दौरान उन्होंने फर्स्ट इयर, सेकेंड इयर एवं थर्ड इयर में अपने बैच में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर कालेज टापर बनने का मुकाम हासिल किया था जबकि फाइनल इयर के परीक्षा परिणामों में उन्हें पूरे कालेज में दूसरा स्थान मिला था।
वहीं अब एम्स दिल्ली द्वारा बीते रोज घोषित हुए इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) के परिणामों में उन्हें 99.9 परसेंटाइल के साथ देश भर में नौवीं रैंक हासिल हुई है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि एमबीबीएस के तृतीय वर्ष से ही उन्होंने इस प्रवेश परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थी। वह रेडियोलॉजी या मेडिसिन विभाग में दाखिला पाना चाहती है। उन्होंने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के साथ ही अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन को दिया है।