Power Crisis: प्रदेश में अप्रैल माह से बिजली संकट बढ़ने की आशंका है। केंद्र की विशेष सहायता की मियाद 31 मार्च को खत्म होने जा रही है। अब यूपीसीएल ने दो साल के लिए 400 मेगावाट बिजली की मांग का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए यूपीसीएल ने गैस आधारित बिजली के अलावा एनर्जी एक्सचेंज से भी तीन माह के लिए 100 मेगावाट बिजली खरीदी है।दरअसल, केंद्र ने पिछले साल मार्च में 350 मेगावाट बिजली राज्य को दी थी, जो वर्तमान में 150 मेगावाट ही मिल रही है। 31 मार्च को यह भी मिलनी बंद हो जाएगी, जबकि अप्रैल, मई और जून माह में प्रदेश में बिजली की मांग अपने चरम पर होती है।
भारी बिजली किल्लत मेंं और कटौती है हो सकती
ऐसे में केंद्र से और मदद न मिलने की सूरत में भारी बिजली किल्लत मेंं और कटौती हो सकती है। यूपीसीएल ने दो साल के लिए गैस का इंतजाम किया है, जिससे जरूरत के हिसाब से 300 मेगावाट बिजली मिल सकती है। इसी प्रकार एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट बिजली खरीदी है जो 15 मार्च से आगामी तीन माह तक उपलब्ध होगी। इसके बावजूद भीषण बिजली संकट से बचने के लिए निगम ने केंद्रीय कोटे या विशेष कोटे से 400 मेगावाट बिजली दो साल के लिए मांगी है। अगर ये बिजली नहीं मिली तो आने वाला समय काफी मुश्किल हो सकता है।
ऐसे में केंद्र से और मदद न मिलने की सूरत में भारी बिजली किल्लत मेंं और कटौती हो सकती है। यूपीसीएल ने दो साल के लिए गैस का इंतजाम किया है, जिससे जरूरत के हिसाब से 300 मेगावाट बिजली मिल सकती है। इसी प्रकार एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट बिजली खरीदी है जो 15 मार्च से आगामी तीन माह तक उपलब्ध होगी। इसके बावजूद भीषण बिजली संकट से बचने के लिए निगम ने केंद्रीय कोटे या विशेष कोटे से 400 मेगावाट बिजली दो साल के लिए मांगी है। अगर ये बिजली नहीं मिली तो आने वाला समय काफी मुश्किल हो सकता है।