केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग से अब तक ग्यारह हजार से अधिक तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू का कार्य शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है। जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतारेगा।

दरअसल,  केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया। बता दें, पांच दिन में अभी तक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।

वहीं, अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ। सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ट्वीट – “मौसम साफ होने के साथ ही केदार घाटी में आज केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए MI 17 और चिनूक के माध्यम से रेस्क्यू फिर से शुरू हो चुका है, स्वयं भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। आज शुरू हुए ऑपरेशन में अभी तक 133 लोगों को सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया जा चुका है। रेस्क्यू किए जा रहे तीर्थ यात्रियों का गौचर हेलीपैड पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार भी दिया जा रहा है।”

सोमवार को एनडीआरएफ और एडडीआरफ के जवानों ने सोनप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से रेस्क्यू शुरू किया। सोनप्रयाग में एनडीआरफ ने ट्राली और अस्थायी रास्ते से 584 यात्रियों का रेस्क्यू किया। इनमें 25 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश द्राल ने बताया कि 83 जवानों की अलग-अलग टीमें अतिवृष्टि प्रभावित रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर रेस्क्यू में जुटी हैं। वहीं एसडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में जुटे रहे।

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