The Doon School: शिक्षा मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आयाम होता है जिसके माध्यम से ही मानव का सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है। प्राचीन काल से ही भारत में शिक्षा के महत्व को विभिन श्लोकों के माध्यम से उद्धृत किया गया है। शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य अपने जीवन में बेहतर संभावनाओं के द्वार खोल पाता है एवं जीवन में आने वाले सभी अवसरों का बेहतर तरीके से उपयोग कर पाता है। और शिक्षा के महत्व को ही ध्यान में रखते हुए ही माता-पिता अपने बच्चो के लिए अच्छे से अच्छा स्कूल चुनकर उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करना चाहते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के महंगे स्कूल के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है जो अपनी शिक्षा, गुणवत्ता, अनुशासन एवं अतिरिक्त विकासशील गतिविधियों के लिए भारत ही नहीं अपितु विदेशो में भी प्रसिद्ध है।
जब बात पढ़ाई की आती है तो माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हो जाते हैं। कई बार तो कुछ स्कूलों की फीस इतनी ज्यादा होती है कि जितने में किसी छात्र की हायर एजुकेशन पूरी हो जाए। यूं तो हमारे देश में कई ऐसे स्कूल हैं जिनकी फीस चुकाने के लिए अभिभावकों को अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ जाए लेकिन बात करें भारत के सबसे महंगे स्कूल की तो उनमें सबसे ऊपर नाम आता देवभूमि उत्तराखंड देहरादून में स्थित ‘द दून स्कूल’ (The Doon School Dehradun)। यह देश का सबसे महंगा स्कूल है, जो अपनी स्थापना के 88 साल बाद भी उतनी ही प्रसिद्धि हासिल किए हुए है जितनी शुरुआती सालों में थी।
उत्तराखंड के देहरादून का द दून बॉयज प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल की स्थापना 1935 में कोलकाता के वकील सतीश रंजन दास ने ब्रिटिश स्कूल की तर्ज पर इसकी की थी। 70 एकड़ के विशाल परिसर में बने इस द दून स्कूल के पहले हेडमास्टर Arthur E. Foot थे।
स्कूल को विभिन्न मीडिया आउटलेट्स द्वारा ‘ईटन ऑफ इंडिया’ के रूप में उद्धृत किया गया है और यह अपने छात्रों के व्यक्तित्व को व्यापक रूप से निखार कर दुनिया के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए तैयार करता है। बता दें देश की कहानी नामी हस्तियों ने इसी स्कूल से पढ़ाई : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), ज्योतिरादित्य सिंधिया, पटनायक, जितिन प्रसाद, मणिशंकर अय्यर, अमिताव घोष (Amitav Ghosh), विक्रम सेठ (Vikram Seth), तरुण ताहिल्यानी (Tarun Tahiliani), संदीप खोसला (Sandeep Khosla), अली फजल (Ali Fazal), चंद्रचूड़ सिंह और अभिनव बिंद्रा) की है।
स्कूल की खासियत: (The Doon School Dehradun)
दून स्कूल में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को अलग-अलग प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार से गुज़ारना होता है। इस स्कूल में एडमिशन पाने के लिए बच्चों को कड़ी मेहनत और परिजनों को जेबें ढीली करनी पड़ती है तब जाकर भारत के इस टॉप वन स्कूल में दाखिला मिल सकता है। इस स्कूल में 12 से 18 साल तक के लड़कों को एडमिशन दिया जाता है वो भी केवल 2 क्लासेस में एडमिशन मिलता है, क्लास 7th और 8th । क्लास 7th के लिए जनवरी में एडमिशन ओपन होता है और 8th के लिए अप्रैल मंथ में। इस पूरे स्कूल में केवल 500 हंड्रेट स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। साथ ही यहां सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स एक ही कैंपस में रहते हैं।
द दून स्कूल फीस: (The Doon School Dehradun)
द दून स्कूल फीस लेने के मामले में आगे होने के अलावा अपनी एजुकेशन की गुणवत्ता में भी सभी से आगे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, द दून स्कूल की फीस 11,95,000 रुपये प्रति वर्ष है। यहां की एडमिशन फीस 5,00,000 रुपये है (नॉन रिफंडेबल), सिक्योरिटी फीस 6,00,000 रुपये (रिफंडेबल) और आकस्मिक व्यय यानी इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति सत्र 25,000 रुपये है। वहीं भारतीय स्टूडेंट्स की तुलना में विदेशी छात्रों की फीस ज्यादा है उन्हें सालाना 14,93,500 रुपये फीस जमा करनी होती है, जबकि उनकी एडमिशन फीस 7,46,875 रुपये (नॉन-रिफंडेबल), सिक्योरिटी फीस 7,46,875 रुपये (रिफंडेबल) और आकस्मिक व्यय यानी इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति सत्र 25,000 रुपये है। यहां
ICSE, ISC, IGCSE और IBDP बोर्ड हैं।